गुरुवार, 13 मई 2010

bin santosh sab bekar.....

सच हम कितना भी  पा   लें पर यदि संतोष न पाया  तो सब बेकार  है.मन सदा ही उदासीन एवं बेचैन रहता है.अतः हम जो भी उन्नति / तरक्की या कुछ भी सुख  पाएं उसकी  खुशी मानें पूरी संतुष्टि के साथ.



       मीनाक्षी श्रीवास्तव

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